This is certainly not the best of Yevtushenko’s poems but for some inexplicable reason reading it last night, I was swept off my feet . I read it several times and then translated it in Hindi to see if it tastes different. You may tell me , without being unduly insulting , how much of the flavour has been lost in translation. Mind you it is a translation of a translation
No I’ll not take half of anything..
No, I'll not take the half of anything!
Give me the whole sky! The far-flung earth!
Seas and rivers and mountain avalanches-
All these are mine! I'll accept no less!
No, life, you cannot woo me with a part.
Let it be all or nothing! I can shoulder that!
I don't want happiness by halves,
Nor is half of sorrow what I want.
Yet there's a pillow I would share,
Where gently pressed against a cheek,
Like a helpless star, a falling star,
A ring glimmers on a finger of your hand.
Yevgeny Yevtushenko
Translated by George Reavey
कल रात येवितेशेन्को की उपर्युक्त अंग्रज़ी में अनूदित कविता मन को छू गयी. सोचा इसे हिंदी में बांचते है शायद कुछ और रस आये। इसलिए इसका अनुवाद - अनुवाद का अनुवाद - कर डाला। पेशे खिदमत है। आप बताएँगे कि कैसा बन पडा है.
फितरत नहीं मेरी आधा अधूरा लेने की ,कुछ भी
देना है तो दे दो मुझे पूरा का पूरा आसमान ,पूरी धरती जहाँ तक है इसका फैलाव
सारे समुद्र और सभी नदियां, पर्वत और उसके हिमस्खलित अंश
सब हुए मेरे ,इस से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं है मुझे।
सुन ऐ ज़िन्दगी , अधूरी तुम मुझे लुभा नहीं सकती
ज़िन्दगी हो तो भरपूर नहीं तो कोई परवाह नहीं
मुझे न तो अधूरी ख़ुशी चाहिए न ही अधूरा ग़म
हाँ एक तकिया साझा कर सकता हूँ.
हलके से गाल में गाल सटाकर,
अनायास, एक असहाय टूटकर गिरते तारे की चमक
तुम्हारी ऊँगली की एक अंगूठी में जगमगाती है।
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